शनिवार, 23 जुलाई 2011

क्या लेडी रचना का यह क़दम ब्लॉगिंग और इंसानियत के लिहाज़ से ठीक है ?

लेडी रचना ने शिखा कौशिक जी और शालिनी कौशिक जी, दोनों को ही ‘नारी‘ ब्लॉग से आउट कर दिया।
कारण ?
कारण केवल यह है कि लेडी रचना उन दोनों पर अपनी पसंद-नापसंद थोप रही थीं। वे जिस आदमी को नापसंद करती हैं, उसके ब्लॉग में वे लेख लिखती हैं।
लेकिन सवाल यह है कि उन्होंने बलि चढ़ाने के लिए ये दो ब्राह्मण कन्याएं ही क्यों चुनीं ?
उस आदमी के ब्लॉग में तो बहुत सी प्रतिष्ठित साहित्यकाराएं तक शामिल हैं।
बात यह है कि तानाशाही की चक्की में अपेक्षाकृत कमज़ोर ही पीसे जाते हैं। ये दोनों बहनें अपेक्षाकृत नई हैं और किसी गुट में भी नहीं हैं। ख़ुशामद और चापलूसी भी इनके मिज़ाज में नहीं है लिहाज़ा इन्हें पीसने के बाद लेडी रचना को किसी तूफ़ान के उठने की उम्मीद नहीं है।
नारी अधिकारों के लिए लड़ने का दावा करने वाली लेडी रचना ने दो नारियों की व्यक्तिगत पसंद-नापसंद के अधिकार का और राय की आज़ादी के इज़्हार के हक़ का ख़ून कर डाला और इस तानाशाही को नाम दिया इंसाफ़ का।
अगर यही इंसाफ़ है तो दो के साथ ही यह बर्ताव क्यों जबकि यह जुर्म तो और भी नारियां कर रही हैं और फिर भी वे ‘नारी‘ ब्लॉग में लिख रही हैं ?
आप बताएं कि क्या लेडी रचना का यह क़दम ब्लॉगिंग और इंसानियत के लिहाज़ से ठीक है ?
इसी के साथ यह भी देख लीजिए कि बोलते समय वे किस तरह की गालियों और मुहावरों का प्रयोग करती हैं ?
क्या इस तरह की अहंकारपूर्ण अभद्र भाषा बोलने वाली महिला को अपने लिए किसी सम्मान की आशा रखनी चाहिए ?
पूरी तफ़्सील जानने के लिए देखिए शिखा कौशिक जी की रिपोर्ट

रचना जी का शुक्रिया -नारी ब्लॉग से हटाने के लिए

गुरुवार, 21 जुलाई 2011

क्या कन्या भ्रूण हत्या करने वाले इससे लेंगे कुछ सबक ?




क्या कन्या भ्रूण हत्या करने वाले इससे लेंगे कुछ  सबक ?कल मैंने अनवर जी के ''मुशायरा ' ब्लॉग पर उनके द्वारा प्रस्तुत एक अशआर पढ़ा ,जो इस प्रकार था -
 
तर्क ए मोहब्बत पर भी होगी उनकी  नदामत हम से ज़्यादा
किसने की हैं कौन करेगा उनसे मोहब्बत हम से  ज़्यादा
कोई तमन्ना कोई मसर्रत दिल के करीब आने ही ना दी 

किसने की है  इश्क़  में यारों 
ग़म से मोहब्बत हम से  ज़्यादा
इस अशआर के नीचे लिखी पंक्तियाँ मन को झंकझोर  देने वाली थी.जो इस प्रकार थी -''एक मासूम कली हमारे आँगन में खिली हमारे घर को महकाया और फिर जन्नत का फूल बन गयी .'' अनवर जी ने इस सन्दर्भ  में बताया कि-
''अशआर  के  नीचे  एक लाइन जिस वाक़ये से मुताल्लिक़ लिखा है, वह पिछले साल 22 जुलाई को पेश आया था। अब दो दिन बाद फिर 22 जुलाई आने वाली है। मैं अपनी बेटियों से प्यार करता हूं। अनम आज भी याद आती है तो आंखें भर आती हैं। वह इस संसार में कुल 28 दिन ज़िंदा रही। उसने बड़ी हिम्मत से ‘स्पाइना बिफ़िडा‘ के फ़ोड़े की तकलीफ़ को झेला और इतने बड़े ज़ख्म के बावजूद उसने हमें परेशान नहीं किया। वह तो रोती तक न थी। मैं अपने हाथों से सुबह शाम दो वक्त उसकी ड्रेसिंग किया करता था।
बहरहाल वह हमें याद आती है लेकिन उसके हक़ में यही बेहतर था।
हमारा रब हमें उससे फिर मिला देगा, इंशा अल्लाह 

अपनी नन्ही सी कली के प्रति उनकी भावनाओं ने दिल को छू लिया  .मैं परमपिता परमेश्वर से प्रार्थना करूंगी कि वो अनवर जी की  ख्वाहिश को जरूर पूरा करें व् सभी बच्चियों को अनवर जी जैसे पिता की छत्र-छाया प्रदान करें

                                            शिखा कौशिक 

सम्पूर्ण ब्लॉग जगत शिव के रंग में रंगा !

                                     '' ॐ नमः शिवाय ''


 श्रावण मास के आरम्भ के साथ ही ब्लॉग जगत में बम-बम भोले का उदघोष गूँज उठा है .शिव के रंग में रंग कर अनेक ब्लोगर अपनी रचनाएँ प्रस्तुत कर रहे हैं .भारतीय ब्लॉग लेखक मंच पर श्याम गुप्त जी ने ''सबसे प्राचीन भोले भंडारी ...'' आलेख प्रस्तुत कर शिव जी से सम्बंधित ऐतेहासिक जानकारी उपलब्ध करायी है .सवाई सिंह जी अपने ब्लॉग ''आज का आगरा ''पर ''ॐ नम:शिवाय शिव ही सत्य है ''पोस्ट के माध्यम से शिव की स्तुति कर रहे हैं .मैंने भी गौरी शंकर की प्रेरणा से ''शिव महापुराण ''को काव्यबद्ध करने का प्रयास आरम्भ किया है .ये तो मात्र कुछ उदाहरण है .आइये हम सब भी शिव अर्थात कल्याण  के भाव से युक्त हो और अपने राष्ट्र व् समाज को उन्नति  के सर्वोच्च शिखर पर प्रतिष्ठित  करें  .
                                 शिखा कौशिक 
                          

मंगलवार, 19 जुलाई 2011

वंदना जी का चर्चा मंच से विदा लेने का संकेत !

खबर अच्छी  नहीं है .चर्चा मंच पर कर्मठता के साथ बेहतरीन  चर्चा प्रस्तुत करने वाली हम  सबकी  प्रिय  वंदना जी न जाने  किन  कारणों  से चर्चा मंच से विदाई  लेने का मन बना चुकी हैं .उन्होंने  कल  अपनी  चर्चा में  इस  ओर  संकेत किया  है .आप   चर्चा मंच की कल प्रस्तुत की गयी चर्चा को देखकर इस खबर की सत्यता को परख  सकते  हैं . चर्चा-मंच का URL है-http://charchamanch.blogspot.com
                                                                शिखा कौशिक 

सोमवार, 18 जुलाई 2011

सोशल वेबसाइट पे महिलाओं की तसवीरें डालना

सोशल वेबसाइट पे महिलाओं की तसवीरें डालना


काबिले तारीफ हैं फिरदौस

भदोही:/बीबीएस न्यूज़/  : ब्लॉग जगत में ऐसे धुरंधर भरे पड़े है जिनकी तारीफ की जाय तो वह छोटी पड़ जाती है,  ब्लॉग जगत में महिलाओ ने भी बहुत बड़ा योगदान दिया है. पर उन्ही में से एक है फिरदौस खान, जिनकी लेखनी खुद ही उनकी पहचान है. उनकी बेबाक बाते व लेखन शैली का विरोध बहुत से ऐसे लोंगो ने किया है जो संकुचित विचारधारा के पर उन बातो को दरकिनार करते हुए उन्होंने अपना सफ़र अनवरत जारी रखा और अपना अलग ही मुकाम बनाया. उनकी लेखनी से ही प्रभावित होकर उन्हें "भारतीय ब्लॉग लेखक मंच" पर भी सहयोग देने के लिए आमंत्रित किया गया था पर उन्होंने शांत रहना ही उचित समझा.
वे  पत्रकार, शायरा और कहानीकार... उर्दू, हिन्दी और पंजाबी में लेखन. उर्दू, हिन्दी, पंजाबी, गुजराती, इंग्लिश और अरबी भाषा का ज्ञान... दूरदर्शन केन्द्र और देश के प्रतिष्ठित समाचार-पत्रों दैनिक भास्कर, अमर उजाला और हरिभूमि में कई वर्षों तक सेवाएं दीं...अनेक साप्ताहिक समाचार-पत्रों का सम्पादन भी किया... ऑल इंडिया रेडियो, दूरदर्शन केन्द्र से समय-समय पर कार्यक्रमों का प्रसारण... ऑल इंडिया रेडियो और न्यूज़ चैनल के लिए एंकरिंग भी की है. दैनिक हिन्दुस्तान, नवभारत टाइम्स, राष्ट्रीय सहारा, दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण ट्रिब्यून, जनसत्ता, राजस्थान पत्रिका, नवभारत, अजीत समाचार, देशबंधु और लोकमत सहित देश-विदेश के विभिन्न समाचार-पत्रों, पत्रिकाओं और समाचार व फीचर्स एजेंसी के लिए लेखन करने के साथ ... ' गंगा-जमुनी संस्कृति के अग्रदूत' नामक एक किताब प्रकाशित की है ... इसके अलावा डिस्कवरी चैनल सहित अन्य टेलीविज़न चैनलों के लिए स्क्रिप्ट लेखन जारी रखी है ... उन्हें उत्कृष्ट पत्रकारिता, कुशल संपादन और लेखन के लिए अनेक पुरस्कारों ने नवाज़ा जा चुका है...इसके अलावा कवि सम्मेलनों और मुशायरों में भी शिरकत की है ...कई बरसों तक हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत की तालीम भी ली... उर्दू, पंजाबी, अंग्रेज़ी और रशियन अदब (साहित्य) में ख़ास दिलचस्पी. फ़िलहाल 'स्टार न्यूज़ एजेंसी' और 'स्टार वेब मीडिया' में समूह संपादक का दायित्व संभाल रही है ..
उनका  ताज़ा लेख "खेत में सिन्दूर" उनके ब्लॉग की शोभा बढ़ा रहा है.
चलते-चलते
 मोबाईल किस तरह युवाओ को बर्बाद कर रहा है. इसकी जानकारी दे रहे है. HBFI पर डॉ. अनवर जमाल खान  "

मोबाइल : प्यार का आवश्यक उपकरण Mobile

सुव्यवस्था सूत्रधार मंच : एक विषय आधारित मंच

नयी दिल्ली {अंकित BBS न्यूज़} : नयी दिल्ली: ब्लॉग जगत में नए नए खुले सुव्यवस्था सूत्रधार मंच , जो की एक विषय आधारित मंच है, में आज विश्वजीत जी का लेख लगाया गया | यह लेख भारत की शिक्षा व्यवस्था और समाज में गुरु के महत्त्व और स्वयं के श्रम के महत्त्व पर है | इसके पहले क्रांतिकारी देश भक्त का लेख "व्यवस्था परिवर्तन हो सकता है" प्रकाशित किया गया था | इस मंच में एक नयी परंपरा का प्रारंभ करते हुए हिन्दी के चिट्ठों की दुनिया में बाहर के व्यक्तियों के भी लेख प्रकाशित करने प्रारंभ किये है और उसकी श्रंखला के अंतर्गत उच्चतम न्यायलय के अधिवक्ता देवेन्द्र शर्मा जी का एक लेख प्रकाशित किया है जो की शिक्षा व्यवस्था के समाज के लिए महत्त्व और भारत की शिक्षा व्यवस्था के महत्त्व को दर्शाता अहि |

यह मंच केवल विषय आधारित लेख ही प्रकाशित कर रहा है और सुव्यवस्था विषय  पर ही लेख प्रकाशित  किये जा रहे हैं , इस मंच से अब तक 10 से अधिक लोग जुड़ चुके हैं और ऐसा बताया गया है  की कई विद्वान इस मंच में माध्यम से हिंदी चिट्ठों के जगत में प्रवेश करेंगे |
इन लेखों के लिंक नीचे दिए हैं 

आतंकवादियो को मेहमान का दर्ज़ा

BBS न्यूज़ : हिंदुस्तान हमेशा अतिथि को देवो भाव का दर्ज़ा देता रहा है. पर यही दर्ज़ा जब आतंकवादियों को दिया जाय तो उसे आप क्या कहेंगे. जी हां, केंद्र में बैठी सत्तारूढ़ सरकार आतंकवादियो को मेहमान का ही दर्ज़ा दे रही है. उन आतंकियों की आवभगत में जो धन खर्च किया जा रहा है उतने धन में कई लोंगो की गरीबी दूर की जा सकती है. पर गरीबो का ख्याल किसे है, हमारे युवराज़ सिर्फ गरीबो के घर जाकर उनकी गरीबी का मजाक उड़ाते है. आज तक उन्होंने किसी की गरीबी दूर नहीं की है. इसलिए " भारतीय ब्लॉग लेखक मंच" पर विभोर गुप्ता जी ने लिखा की

अच्छा है हमलावर दोषी पकडे ही ना जाए

और इसी विषय पर हिंदुस्तान की आवाज़ पर एक लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. जिसमे हरीश सिंह, करनजीत शर्मा, रमेश कुमार जैन उर्फ़ सिरफिरा जी, अनामिका घटक जी, दिनेश वशिष्ठ जी, प्रेमशंकर गुप्ता, वंदना गुप्ता जी, प्रदीप पाठक जी, राजेंद्र स्वर्णकार जी, रिशिराज़ जी, डॉ, श्याम गुप्ता जी, रामप्रसाद जालन जी, आदर्श भल्ला जी, पूर्णिमा भेरी जी, शिखा कौशिक जी, रेखा श्रीवास्तव जी, डॉ, आशुतोष जी, अंकित जी, प्रेम शंकर गुप्ता जी, आदर्श कुमार पटेल जी, प्रदीप पाठक जी ने अपने विचार व्यक्त किये जिसे हिंदुस्तान की आवाज़ पर प्रकाशित किया गया है.
इसे आप यहाँ देख सकते हैं,

सवाल-जवाब प्रतियोगिता भाग दो-- कसाब आतंकी या मेहमान

रविवार, 17 जुलाई 2011

.व्यक्तिगत हित के स्थान पर सामूहिक हित को महत्त्व

''भारतीय ब्लॉग समाचार '' ब्लॉग पर केवल ब्लॉग से सम्बंधित खबरे प्रकाशित की जाएँगी .इसे निजी वार्तालाप ;आक्रोश ,क्षमा प्रार्थना आदि पोस्ट का मंच न बनायें .अनुशासन व् नियमों को दबंगई का नाम न दे .भावुकता विचारों की प्रखरता को अवरूद्ध कर देती है .कुछ पोस्ट इस ब्लॉग की गरिमा व् उदेश्य के अनुरूप नहीं हैं -इसलिए हटाई जा रही हैं .ये लेखन की स्वतंत्रता पर आघात नहीं है -यह मात्र इस ब्लॉग के उदेश्यों व् नियमों का पालन करने का प्रयास है .व्यक्तिगत हित के स्थान पर सामूहिक हित को महत्त्व देते हुए इस कार्यवाही को अंजाम दिया जा रहा है .सभी सम्मानित सदस्यों से आग्रह है कि भविष्य में इन बातों का ध्यान रखें -*इस ब्लॉग पर ब्लॉग-जगत से सम्बंधित ब्लॉग-पोस्ट ही प्रकाशित करें .
शिखा कौशिक