शनिवार, 10 दिसंबर 2011

अंदाज ए मेरा: सिब्‍बल बनाम रमन....!!!!!

अंदाज ए मेरा: सिब्‍बल बनाम रमन....!!!!!: कपिल सिब्‍बल कपिल सिब्‍बल। पेशे से वकील। कांग्रेस के बडे नेता और मौजूदा मनमोहन सरकार में मानव संसाधन मंत्री। डा रमन सिंह। पेशे से चि...

ब्लॉग पहेली -चार का परिणाम [ श्री दर्शन लाल बवेजा जी-''विजेता '']

ब्लॉग पहेली -चार का परिणाम [ श्री दर्शन लाल बवेजा जी-''विजेता '']


ब्लॉग पहेली -चार के सही उत्तर हैं -


1 ''आगरा बोलता है '' ब्लॉग के स्वामी डा0 चन्द्र प्रकाश राय जी


२-''आज का राशिफल '' ब्लॉग की स्वामिनी सुश्री संगीता पुरी जी हैं


३-''आदत...मुस्कुराने की'' ब्लॉग स्वामी श्री संजय भास्कर जी हैं .



शिखा कौशिक


मंगलवार, 6 दिसंबर 2011

अंदाज ए मेरा: एक और एक ग्‍यारह.......

अंदाज ए मेरा: एक और एक ग्‍यारह.......: एक पुरानी कहावत है एक और एक ग्‍यारह होते हैं। इसका आशय यह है कि जो काम एक व्‍यक्ति नहीं कर सकता उसे एक से ज्‍यादा लोग मिलकर कर सकते है...

अंदाज ए मेरा: एक और एक ग्‍यारह.......

अंदाज ए मेरा: एक और एक ग्‍यारह.......: एक पुरानी कहावत है एक और एक ग्‍यारह होते हैं। इसका आशय यह है कि जो काम एक व्‍यक्ति नहीं कर सकता उसे एक से ज्‍यादा लोग मिलकर कर सकते है...

अंदाज ए मेरा: एक और एक ग्‍यारह.......

अंदाज ए मेरा: एक और एक ग्‍यारह.......: एक पुरानी कहावत है एक और एक ग्‍यारह होते हैं। इसका आशय यह है कि जो काम एक व्‍यक्ति नहीं कर सकता उसे एक से ज्‍यादा लोग मिलकर कर सकते है...

सोमवार, 5 दिसंबर 2011

सच बयान करते हुए ब्लॉगर्स मीट वीकली में शामिल कुछ चुनिंदा लिंक्स

महेंद्र श्रीवास्तव जी की रचना 
ईमानदारी की बात में भी ईमानदारी नहीं..



देखिए एक बढ़िया गर्मागर्म चर्चा 

यज्ञ हो तो हिंसा कैसे ।। वेद विशेष ।।

और इसी ब्लॉग पर 

वैदिक यज्ञों में पशुबलि---एक भ्रामक दुष्प्रचार

वैदिक शब्दावली की एक जो सबसे बडी विशेषता है, वो ये कि वैदिक नामपद अपने नामारूप पूर्णत: सार्थक हैं. वेदों में भिन्न-भिन्न वस्तुओं के जो नाम मिलते हैं, वे किसी भी रूप में अपने धात्वर्थों का त्याग नहीं करते.
मुशायरा ब्लॉग पर 

"प्यारी-प्यारी बातें" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")


बात-बात में हो जाती हैं, देखो कितनी सारी बातें।
घर-परिवार, देश-दुनिया की, होतीं सबसे न्यारी बातें।।
वेद कुर'आन पर

हिंदू धर्म और इस्लाम में पशु बलि और क़ुरबानी पर एक यादगार संवाद

भारत में सांस्कृतिक बहुलता पाई जाती है और यह ज़बर्दस्त है।
यहां एक ही समाज में ऐसे लोग मिलेंगे जो कि एक बात को सही मानते हैं लेकिन यहां ऐसे लोग भी मिलेंगे जो कि उस बात को सही मानते हैं जो कि पहली बात के ठीक विपरीत है। यहां के लोगों ने इसी माहौल में जीना सीख लिया है।
प्रायः लोग यहां अपनी परंपराओं का पालन करते हैं और दूसरों की परंपराओं पर सरेआम उंगली उठाकर उन्हें ग़लत नहीं कहते।

प्रेरणा जी के हुनर का क़ायल कर गई ब्लागर्स मीट वीकली 20