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रविवार, 23 अक्टूबर 2011

जागिये देखिये फिर लिखिए

सम्मानित पत्रकार बंधुओ, यह ब्लॉग इसलिए बनाया गया है की यहाँ पर ब्लोगरो और उनके बारे में ब्लॉग समीक्षा सहित किस ब्लॉग की क्या विशेषता है. क्या अच्छैया और क्या बुराइयाँ है. जिस हम खुलकर लिख और बोल सके. ताकि यहाँ पर आने वाला पाठक उस ब्लॉग पर जाकर जानकारी ले सके, यह पर बिलकुल उसी तरह कार्य करना है जैसे किसी समाचार का पत्रकार करता है. यह मेरी कमी है की व्यस्तता की वजह से मैं काफी दिन तक दूर रहा. इस बीच नियमो की अवहेलना होती रही. यहाँ कविता और लेख प्रकाशित होने लगे. आगे से भी लेखा यहाँ पर अपना योगदान दे वह निष्पक्ष पत्रकारकी तरह दे, यदि किसी को इसमें परेशानी है तो कुछ भी न लिखे पर नियमो की अवहेलना अब नहीं होगी.
      आपका - हरीश सिंह

सोमवार, 18 जुलाई 2011

सुव्यवस्था सूत्रधार मंच : एक विषय आधारित मंच

नयी दिल्ली {अंकित BBS न्यूज़} : नयी दिल्ली: ब्लॉग जगत में नए नए खुले सुव्यवस्था सूत्रधार मंच , जो की एक विषय आधारित मंच है, में आज विश्वजीत जी का लेख लगाया गया | यह लेख भारत की शिक्षा व्यवस्था और समाज में गुरु के महत्त्व और स्वयं के श्रम के महत्त्व पर है | इसके पहले क्रांतिकारी देश भक्त का लेख "व्यवस्था परिवर्तन हो सकता है" प्रकाशित किया गया था | इस मंच में एक नयी परंपरा का प्रारंभ करते हुए हिन्दी के चिट्ठों की दुनिया में बाहर के व्यक्तियों के भी लेख प्रकाशित करने प्रारंभ किये है और उसकी श्रंखला के अंतर्गत उच्चतम न्यायलय के अधिवक्ता देवेन्द्र शर्मा जी का एक लेख प्रकाशित किया है जो की शिक्षा व्यवस्था के समाज के लिए महत्त्व और भारत की शिक्षा व्यवस्था के महत्त्व को दर्शाता अहि |

यह मंच केवल विषय आधारित लेख ही प्रकाशित कर रहा है और सुव्यवस्था विषय  पर ही लेख प्रकाशित  किये जा रहे हैं , इस मंच से अब तक 10 से अधिक लोग जुड़ चुके हैं और ऐसा बताया गया है  की कई विद्वान इस मंच में माध्यम से हिंदी चिट्ठों के जगत में प्रवेश करेंगे |
इन लेखों के लिंक नीचे दिए हैं 

आतंकवादियो को मेहमान का दर्ज़ा

BBS न्यूज़ : हिंदुस्तान हमेशा अतिथि को देवो भाव का दर्ज़ा देता रहा है. पर यही दर्ज़ा जब आतंकवादियों को दिया जाय तो उसे आप क्या कहेंगे. जी हां, केंद्र में बैठी सत्तारूढ़ सरकार आतंकवादियो को मेहमान का ही दर्ज़ा दे रही है. उन आतंकियों की आवभगत में जो धन खर्च किया जा रहा है उतने धन में कई लोंगो की गरीबी दूर की जा सकती है. पर गरीबो का ख्याल किसे है, हमारे युवराज़ सिर्फ गरीबो के घर जाकर उनकी गरीबी का मजाक उड़ाते है. आज तक उन्होंने किसी की गरीबी दूर नहीं की है. इसलिए " भारतीय ब्लॉग लेखक मंच" पर विभोर गुप्ता जी ने लिखा की

अच्छा है हमलावर दोषी पकडे ही ना जाए

और इसी विषय पर हिंदुस्तान की आवाज़ पर एक लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. जिसमे हरीश सिंह, करनजीत शर्मा, रमेश कुमार जैन उर्फ़ सिरफिरा जी, अनामिका घटक जी, दिनेश वशिष्ठ जी, प्रेमशंकर गुप्ता, वंदना गुप्ता जी, प्रदीप पाठक जी, राजेंद्र स्वर्णकार जी, रिशिराज़ जी, डॉ, श्याम गुप्ता जी, रामप्रसाद जालन जी, आदर्श भल्ला जी, पूर्णिमा भेरी जी, शिखा कौशिक जी, रेखा श्रीवास्तव जी, डॉ, आशुतोष जी, अंकित जी, प्रेम शंकर गुप्ता जी, आदर्श कुमार पटेल जी, प्रदीप पाठक जी ने अपने विचार व्यक्त किये जिसे हिंदुस्तान की आवाज़ पर प्रकाशित किया गया है.
इसे आप यहाँ देख सकते हैं,

सवाल-जवाब प्रतियोगिता भाग दो-- कसाब आतंकी या मेहमान