शनिवार, 3 सितंबर 2011

०५ सितम्बर शिक्षक दिवस एवं १४ सितम्बर हिंदी दिवस विशेष......


हिंदी महिमा.....
हिंदी हिन्दुस्तानी, हिंद की ये भाषा 
इस हिंदी में छिपी हुई है, उन्नति की परिभाषा 
भारत माता की उर माला का, मध्य पुष्प है हिंदी 
माता के मस्तक पर, जैसे शोभित हो बिंदी 
यह भरती गागर में सागर, लिखता जग देख ठगा सा 
!! हिंदी ....................................... परिभाषा !!
इस हिंदी में महाकाव्य रच तुलसी हुए महान 
अर्थ गंभीर ललित श्रृंगारिक, सब करते गुणगान 
नीराजन यह भूमि भारत का, जन-जन की है यह आशा 
!! हिंदी ....................................... परिभाषा !!
अपनी संस्कृति अपनी मर्यादा, अपनी भाषा का ज्ञान 
यही एक पाथेय हमारा, रहे सदा यह ध्यान 
बिन इसके यदि बढ़ा कदम, हम बनेंगे जग में तमाशा 
!! हिंदी ....................................... परिभाषा !!
अपनी भाषा की समर्थता से, हम सामर्थ्य बढ़ाये 
प्रगति वास्तविक है तब ही, जब सब हिंदी अपनाएं 
भारत का उत्थान है हिंदी, अमृत निर्झर झरता सा 
!! हिंदी ....................................... परिभाषा !!
अपने घर में अपनी भाषा हिंदी अपमानित न होवें 
वह है अभागा अमृत पाकर कालजयी जो ना होवें 
हिंदी सेवा में जुटकर साथी, अब झटके दूर हताशा 
!! हिंदी ....................................... परिभाषा !!
हिंदी पर गर्व करेंगे जब हम, देश महान बनेगा 
दिग दिगंत में व्यापित हिंदी नवल वितान बनेगा 
भारत का मान बढेगा ऐसा, होगा अम्बर झुका-झुका सा 
!! हिंदी ....................................... परिभाषा !!

आप सबको ०५ सितम्बर शिक्षक दिवस एवं
१४ सितम्बर हिंदी दिवस की अग्रिम 
ढेर सारी शुभकामनाएं !!!!

नीलकमल वैष्णव"अनिश"

BLOG PAHELI-3परिणाम आने में बचे हैं कुछ ही घंटे




ब्लॉग पहेली -3 आ चुकी है आपके सामने .विजेता बनने का मौका मत चूकिए  .जल्दी से दीजिये सही जवाब .कहीं कोई और आगे न निकल जाएँ !परिणाम आने में बचे  हैं कुछ ही घंटे .आप भी आजमायें अपना ज्ञान ब्लॉग जगत के बारे में
मेरी शुभकामनायें तो हैं ही आपके साथ .
शिखा कौशिक 
                                                    
[चित्र फोटो सर्च से साभार ]





बुधवार, 31 अगस्त 2011

इंतज़ार........


शब्द को सुन  कर ही 
लगता है लम्बा समय है 
अगर कोई किसी को इंतज़ार 
करने के लिए कहता है तो फिर 
पूछिये मत क्योंकि सभी को
मालुम है कि इंतजार की घड़ी 
कितनी लम्बी होती है ?
हर एक पल एक सदी के समान गुजरता है 
और मैंने भी तो काफी इंतज़ार किया है, 
इंतज़ार...
इस शब्द का अर्थ मुझसे 
अच्छा और कौन बता सकता है 
क्योंकि मैंने पूरी जिंदगी 
सिर्फ और सिर्फ तुम्हारा 
इंतजार ही तो किया है 
पर पता नहीं यह मौत 
आजतक आई क्यों नहीं........???

नीलकमल वैष्णव"अनिश"

यह जो इक दर्द है मेरे भीतर

यह जो इक दर्द है मेरे भीतर 

जो रह-रह कर कसक रहा है 
सिर्फ इक दर्द ही नहीं है यह दर्द 
मेरे सुदूर कहीं भीतर से आती 
मेरी ही आत्मा की आवाज़ है 
यह जो दर्द है ना मेरा 
सो वो लाइलाज है क्योंकि 
इसका इलाज अब सिर्फ-व्-सिर्फ 
इसके सोचने की दिशा में मेरे द्वारा 
किया जाने वाला कोई भी सद्प्रयास है 
मगर मेरे मुहं से महज इक 
सिसक भरी आवाज़ निकलती है 
और इन अथाह लोगों के शोर 
के बीच कहीं गुम हो जाती है
कभी-कभी तो मेरे ही पास 
लौटकर वापस आ जाती है....
मेरा दर्द और भी बढ़ जाता है 
मेरे भीतर सिसकता रहता है 
कुछ कर नहीं पाता ठीक मेरी तरह 
और गुजरते हुए हर इक पल के साथ 
दर्द बढ़ता जा रहा है विकराल होता 
इस व्यवस्था को बदलने के लिए 
इस बदलाव का वाहक बनने के लिए 
इस बदलाव का संघर्ष करने में 
मैं इक आवाज़ भर मात्र हूँ...
बेशक आवाज़ बहुत बुलंद है मेरी 
मगर किसी काम की नहीं वो 
अगरचे सड़क पर उतर कर वो 
लोगों की आवाज़ बन ना जाए 
चिल्लाते हुए लोगों के संग मिलकर 
एकमय ना हो जाए....
और परिवर्तन की मेरी चाहना 
मेरे कर्मों में परिवर्तित ना जाए 
और बस यही इक दर्द है मेरा 
जो अब बस नहीं,बल्कि बहुत विकराल है 
मेरे भीतर छटपटा रहा है 
हर वक्त और हर इक पलछिन 
किसी क्रान्ति की प्रस्तावना बनने के बजाय 
यह दर्द बस किसी कविता की तरह लिखा जाना है
और महज किसी कविता की तरह पढ़ा जाना है...!! 

मंगलवार, 30 अगस्त 2011

ब्लॉग पहेली-३ आने वाली है कुछ ही घंटों में - सबसे पहले आप सभी को ''ईद मुबारक ''


सबसे  पहले आप सभी को ''ईद मुबारक ''


                   Eid Mubarak Wallpaper
ब्लॉग पहेली-३ आने वाली है कुछ ही घंटों में .आप रहें   तैयार और जिस भी ब्लॉग पर जाएँ देख लें उस ब्लोगर का चेहरा ध्यान से .टिप्पणीकारों के चेहरों पर ध्यान दें क्योंकि चेहरा पहचान कर  ही बन पायेंगें आप ''विजेता ''
अब ये मत  कहियेगा की मुझे  ये ब्लॉग अच्छा नहीं लगता या वो ब्लॉग अच्छा नहीं लगता.भाई सब  ब्लॉग अच्छे  है.शुभकामनाओं के साथ 
                                                        शिखा कौशिक 
                             http://blogpaheli.blogspot.com

सोमवार, 29 अगस्त 2011

भारतीय नारी ब्लॉग पर सितम्बर माह का विषय ?


                     निवेदन 

 *  भारतीय नारी ब्लॉग के योगदानकर्ता  आने वाले माह में  किस विषय पर लिखना चाहेंगे ?
*इस ब्लॉग के पाठक किस विषय पर पढना चाहेंगें ?
                             इन विषयों  में से चुनें-
*दहेज़ प्रथा का जीवन पर कुप्रभाव 
*महिला सशक्तिकरण -दशा  व् दिशा 
*कामकाजी  नारी की समस्याएं 
                    अन्य कोई विषय आप सुझाना चाहें तो आपका हार्दिक स्वागत है .३१ अगस्त २०११ तक टिप्पणी रूप में सूचित करने की अनुकम्पा करें .
               
                                                   शिखा कौशिक 
                      http://bhartiynari.blogspot.com

रविवार, 28 अगस्त 2011

ब्लॉग पहेली -2 का परिणाम [विजेता-श्री हंसराज 'सुज्ञ' जी ]


ब्लॉग पहेली   -2 का परिणाम [विजेता-श्री हंसराज 'सुज्ञ' जी ]

       सम्मानित ब्लॉग मित्रों
                 ब्लॉग पहेली-2 में पूछे गए  प्रश्नों के उत्तर इस प्रकार हैं -

1-ईश्वर की सबसे खूबसूरत रचना (बच्चों) को समर्पित था समय.(शिवा TCIL नई दिल्ली,  मनु TCSL त्रिवेंद्रम एवं स्वस्ति-मेधा (B Tech , BIET झांसी)

*उत्तर -ये हैं आदरणीय  श्री दिनेश चन्द गुप्ता जी .ये 'रविकर' उपनाम से ज्यादा पहचाने जाते   हैं .

2-मैं पत्रकार हूं, लंबे समय तक प्रिंट में काम करने के बाद फिलहाल न्यूज चैनल से जुड़ा हूं। मीडिया से होने के कारण मुझे सत्ता के नुमाइंदों को काफी करीब से देखने का मौका मिला। कहते है ना हमाम में सब.....। इसी पीड़ा को शब्दों में ढालने की कोशिश करता हूं


३-एक संवेदनशील, भावुक और न्यायप्रिय महिला हूँ । अपने स्तर पर अपने आस पास के लोगों के जीवन में खुशियाँ जोड़ने की यथासम्भव कोशिश में जुटे रहना मुझे अच्छा लगता है

*उत्तर -आदरणीय  साधना वैद जी


         सर्वप्रथम  -सर्वशुद्ध हल देकर विजेता  बनने का गौरव    फिर  से    श्री  हंसराज  ''सुज्ञ  '' जी   ने  प्राप्त  किया  है  .उन्हें   बहुत बहुत शुभकामनाएं  और  ये  है उनका   इनाम  -


अन्य ब्लोगर मित्रों   का सहयोग   भी   सराहनीय   रहा   .जिसने   भी  प्रयास   किया बिलकुल   सही   जवाब   दिए   .ये हैं  -
*अभिषेक  प्रसाद 'अवि' जी 
*सवाई  सिंह  राजपुरोहित   जी    
*विजय कुमार   संपाति जी  
*एस.विक्रम   जी  
*दर्शन   लाल बवेजा जी  

            सभी का बहुत बहुत आभार 
          ब्लॉग पहेली-३ के लिए रहे तैयार 

                           शिखा कौशिक  
http://blogpaheli.blogspot.com

अख़तर ख़ान अकेला साहब ने ब्लॉग की दुनिया में रच डाला इतिहास

एक बिल्कुल ताज़ा ख़बर हिंदी ब्लॉगिंग की दुनिया से, ताकि आप जान लें कि कीर्तिमान यहां भी स्थापित किये जा रहे हैं तमाम तरह की दिक्क़तों के दरम्यान।
हम बात कर रहे हैं हिंदी ब्लॉगिंग की दुनिया के एक सुपर स्टार जनाब भाई अख़तर ख़ान अकेला साहब की जो कोटा राजस्थान से संबंध रखते हैं और राजस्थान हाईकोर्ट में एडवोकेट के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। जनाब पत्रकार भी हैं और मानवाधिकार कार्यकर्ता भी और विभिन्न धर्म-मतों के अनुयायियों दरम्यान प्यार और भाईचारे के लिए काम कर रहे हैं।
हिंदी ब्लॉगिंग के ज़रिये भी वे यही प्यार मुहब्बत का पैग़ाम देते आए हैं और नज़रअंदाज़ किए जाने के बावजूद उन्होंने अपने लेखन कर्म को एक साधना के तौर पर जारी रखा और मात्र सवा साल में ही उन्होंने साढ़े तीन हज़ार पोस्ट्स रच डालीं।
है न कमाल ?
यह वाक़ई एक कमाल है और गिनीज़ बुक आफ़ वल्र्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज किये जाने लायक़ है।

उन्होंने अपने निजी ब्लॉग के अलावा भी बहुत से साझा ब्लॉग बना रखे हैं, जहां उन्हें बहुत पढ़ा जाता है।
शरपसंद हमेशा थोड़े से होते हैं। अगर उन्हें नज़रअंदाज़ कर दिया जाए तो बाक़ी सामान्य लोग सदैव स्वागत करते हैं।
जनाब अख़तर ख़ान अकेला साहब का स्वागत आज हिंदी ब्लॉग जगत विभिन्न मंचों से कर रहा है जिसमें ‘फ़ेसबुक और ब्लॉगस्पॉट‘ मुख्य हैं।
इस अवसर हमने उन्हें मुबारकबाद देते हुए उनकी सवा साल की मेहनत की संक्षिप्त सी समीक्षा भी की है और यही समीक्षा उनकी पोस्ट पर टिप्पणी के रूप में पब्लिश भी की है।
यह समीक्षा भी यहां दर्ज की जाती है-

अख़तर ख़ान अकेला साहब ने ब्लॉग की दुनिया में रच डाला इतिहास
भाई साहब ! आपने साढ़े तीन हज़ार पोस्ट्स आपने लिख डालीं और उन पर आपको इससे आधी टिप्पणियां भी नहीं मिलीं , इसके बावजूद आपका ब्लॉग बहुत पढ़ा जाता है। यह बात आपके ब्लॉग पर लगा हुआ टूल बता रहा है। यही आपकी कामयाबी है।
जो लोग तंगनज़र हैं और तास्सुब के शिकार हैं, जो लोग इस ब्लॉग जगत के सर्वेसर्वा बनने के ख्वाहिशमंद थे, उनके सपनों के कांचमहल को अपने रोड रोलर से रौंदने वाला मैं ही तो हूं। जब सब साफ़ हो गया तो शांति तो होनी ही थी और यह बनी भी रहेगी जब तक कि अगला कोई महत्वाकांक्षी अपना सिर नहीं उठाएगा।

नफ़रत के इन सौदागरों के पास सिर्फ़ नफ़रत है और गहरी चालें हैं। जिस चीज़ का ज़िक्र आप आज कर रहे हैं, इसी को हमने ‘वर्चुअल जर्नलिज़्म‘ का नाम दिया है और इसका काफ़ी हद तक उन्मूलन भी किया। इन शरपसंदों के क़ब्ज़े में सिर्फ़ अपने अल्फ़ाज़ हैं, ये आपको कुछ नहीं देते तो मत दें, हम तो इन्हें भी टिप्पणियां दे देते हैं। मालूम नहीं कब बात समझ में आ जाए और कब इनका दिल बदल जाए और न भी बदले तो हमारा नाम सामने देखकर एक खटक तो हमेशा ये महसूस करते ही रहेंगे कि ‘हाय ! हमने जो सोचा था वह न हुआ।‘
अरे भाई सोचा तो तुमने मौत के बारे में भी नहीं है लेकिन मौत बहरहाल तुम्हें आकर रहेगी और तब तुम्हारा फ़ैसला तुम्हारे बदन की सजावट और तुम्हारे माल की दिखावट की बुनियाद पर नहीं होगा बल्कि तब तुम जांचे जाओगे अपनी हक़ीक़त की बुनियाद पर, अपनी नीयत और अपनी मंशा की बुनियाद पर और तब कामयाब वही रहेगा जिसने दुनिया में इंसाफ़ की और प्यार मुहब्बत की बात की होगी, अम्नो अमान की कोशिशें की होंगी।

इस ऐतबार से आप कामयाब हैं!
आपको कामयाबी की बहुत बहुत मुबारकबाद !

फ़ेसबुक पर भी मैं आपकी इस कामयाबी की चर्चा की है, जिसे आप निम्न लिंक पर देख सकते हैं।
अगर आपने हमें वहां अभी  न जोड़ा हो तो कृप्या ढूंढकर जोड़ लीजिएगा।

आप पर ख़ुदा की तरफ़ से सलामती और मेहर हो।

अख़तर ख़ान अकेला साहब ने ब्लॉग की दुनिया में रच डाला इतिहास