अमेरिका और पोप शासित इण्डिया में जहाँ ११० करोड़ हिन्दू जनसँख्या है,हिन्दुओं का दमन और उन पर अत्याचार कभी सुर्खियाँ नहीं बन सकता, मगर बात अभी पाकिस्तान से आये १५० हिन्दुओं की है जो हिन्दुस्थान में दर दर भटक रहें हैं।पिछले माह पाकिस्तान से १५० हिन्दू तीर्थयात्रा पर आये थे मगर अब ये हिन्दू हिन्दुस्थान से वापस जाने के लिए तैयार नहीं है।और यहाँ स्थायी रूप से शरण मांग रहें हैं।इसके पीछे पाकिस्तान में रहने वाले हिन्दुओं पर होने वाला बर्बर अत्याचार है।आये हुए हिन्दुओं के अनुसार पाकिस्तान में उन्हें कभी जजिया कर तो कभी मुश्लिम बनने का दबाव,हत्या ,लूट और फिरौती का दंश झेलना पड़ता था। हिन्दू लड़कियों के बलात्कार और बलात मुश्लिम बनाने की घटनाएँ अब आम हो गयी है।ये बात पाकिस्तान की सरकार, संसद और मानवाधिकार संघठन भी स्वीकार करने हैं।इसके पक्ष का आकड़ा एक ये भी है की विभाजन के समय पाकिस्तान में २५% हिन्दू थे जो अब १.५% के आस पास रह गए हैं।खैर ये बात तो पाकिस्तान में होने वाले अत्याचार की हुई जहाँ पाकिस्तानी का मतलब मुसलमान और हिन्दू विरोधी होना ही होता है,और ये उनके देश का आन्तरिक मामला है उसपर हम एक सीमा से ज्यादा हस्तक्षेप नहीं कर सकते।
हिन्दुस्थान (जिसे खान्ग्रेस सरकार ने पोप पोषित इंडिया बना रखा है) में आये हुए पाकिस्तानी हिन्दुओं के साथ होने वाला व्यवहार भी उन्हें अपने यहाँ चलने वाले तालिबानी शासन की ही याद दिलाता है।ये १५० हिन्दू जिनमें बच्चे बुजुर्ग महिलाये भी शामिल है इन्होने दिल्ली में शरण ली है।कुछ छोटे स्वयंसेवी संघठनो और इक्का दुक्का समाज सेवको के अलावा कोई भी उनकी सुध लेने वाला नहीं है।खान्ग्रेस अपनी हिंदुविरोधी नीतियों और तुष्टिकरण के कारण इन हिन्दुओं को वापस पाकिस्तान भेजने के लिए अपना पूरा जोर लगा रही है।इन हिन्दुओं की हिन्दुस्थान में शरण पाने की याचिका भी सरकार ने जानबूझकर विचाराधीन रखा है।इसी बिच एक हिन्दू संघटन ने इन्हें उत्तर प्रदेश में शरण दिलाने की कवायद की तो यू पी पुलिस ने उन्हें रात मे ही मार पिट कर दिल्ली भगा दिया।खैर कांग्रेस से हिन्दू विरोध की ही उम्मीद की जा सकती है क्यूकी इस पार्टी का इतिहास ही है तुष्टिकरण का है।सबसे कष्टप्रद बात ये है की इस मुद्दे पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जैसे संघठन को लकवा मार गया है और भरतीय जनता पार्टी जैसी राष्ट्रवाद और हिंदुत्व का झंडा उठाने वाली पार्टी ने इस मुद्दे पर कोई पहल करने की जरुरत नहीं समझी।हिन्दू हृदय सम्राट की पदवी पाए हुए माननीय नरेन्द्र मोदी जी भी चुप है।इसका कारण क्या है??
आगामी चुनावों को देखते हुए मुश्लिम वोट बैंक की खातिर राजनितिक पार्टियाँ इन हिन्दुओं को जबरिया पाकिस्तान भेजने से भी गुरेज न करे।हाँ अगर ये लोग मुश्लिम होते तो खान्ग्रेस से लेकर भाजपा सब पार्टियों में ईनको हिन्दुस्थान में शरण दिलाने की होड़ लग जाती।शायद भारत सरकार को शरणार्थी नीति पर भी एक स्पष्ट रुख अख्तियार करना चाहिए।कितना शर्मनाक है की हिन्दुस्थान में ६ करोड़ जेहादी बांग्लादेशियों को बसाने में खान्ग्रेस सरकार को सोचने में जरा भी समय नहीं लगता और सिर्फ १५० हिन्दुओं पर अत्याचार हो रहा है।असम का उदाहरण ले तो रातो रात ट्रक में बैठकर बंगलादेशी आते है और अगले दिन तक जंगल के जंगल गांव में तब्दील। न कोई शरण देने का झंझट न कोई निरीक्षण..इसका कारण है की वो मुश्लिम है..वो एक वोट बैंक है।
इस परिस्थिति में हिन्दुओं को भी आत्म मंथन करने की जरुरत क्या हिन्दुस्थान का हिन्दू इतना निरीह हो गया है की ११० करोण हिन्दू मिलकर १५० भाई बहनों को शरण न दे सके? शायद हम हिन्दुओं की आंतरिक फूट ,तथाकथित सेकुलर होने की होड़ और खान्ग्रेसियों के तलवे चाटने वालों की हिमायत करने की प्रवृत्ति इस का कारण है।कल्पना करे अफजल गुरु के लिए होने वाले विरोध प्रदर्शनों का,देशद्रोही होने के बाद भी एक बड़ा तबका उसे आदर्श मानता है।वैश्विक स्तर पर मुश्लिम लादेन के प्रबल समर्थक भी है मगर अब दूसरी और हिन्दुस्थान में हिन्दू ही कर्नल पुरोहित और प्रज्ञा ठाकुर को आतंकी बता कर अपनी बौधिक चेतना के दिवालियेपन और हिन्दुओं की नपुंसकता का परिचय देते रहते है।
अगर अब भी हिन्दुओं ने नपुंसकता नहीं छोड़ी तो आज १५० पाकिस्तानी हिन्दू दर दर भटक रहें है कल ११० करोड़ हिन्दुस्थान के हिन्दू आतंकी घोषित कर दिए जायेंगे और बाबर और मीर जाफर की औलादे इस देश पर शासन करेंगी।और हम अपनी संस्कृति और धर्म के मुगालते में रहते हुए "गर्व से कहो हम हिन्दू है" की छद्म गाथा गाते रहेंगे।
आप सभी से अनुरोध है आप जहा कहीं भी हो संवैधानिक मर्यादा में रहते हुए एक पत्र माननीय प्रधानमंत्री जी,राष्ट्रपति जी,अपने जनप्रतिनिधिया जिलाधिकारी किसी को भी किसी माध्यम से,इन हिन्दुओं की सहायता के लिए, लिखें और उन हिन्दुओं की सहायता के लिए प्रयास करते हुए समाज और हिंदुत्व के लिए अपना कर्तव्य पूरा करने की कड़ी में एक छोटा सा प्रयास करें।