सोमवार, 18 जुलाई 2011

सोशल वेबसाइट पे महिलाओं की तसवीरें डालना

सोशल वेबसाइट पे महिलाओं की तसवीरें डालना


5 टिप्‍पणियां:

रमेश कुमार जैन उर्फ़ निर्भीक ने कहा…

यहाँ पर दो विकल्प चुने जाने की सुविधा दी जानी चाहिए थी.

अंकित कुमार पाण्डेय ने कहा…

ये हर किसी के निजी साहस के स्तर पर निर्भर करता है और इस बात का निधारण स्वयं करना चाहिए की चित्र डालने हैं या नहीं , यूँ तो डालने में कोई खराबी नहीं और और यदि संभव हो तो जरूर डालना चाहिए परन्तु उसी तरह ना डालने की भी स्वतंत्रता होनी चाहिए सबको और तस्वीर नदालने के निर्णय की आलोचना नहीं होनी चाहिए | तस्वीरें दूसरों से साझा करना या ना करना एक निजी निर्णय है और के हर किसी को अपनी समझ के अनुसार लेना चाहिए |

Shikha Kaushik ने कहा…

अंकित जी के विचारों से सहमत हूँ .

पत्रकार रमेश कुमार जैन ने कहा…

"जरुर देखे. "हम कहाँ से आरंभ कर सकते हैं?"

रचना ने कहा…

सामाजिक व्यवस्था में सुरक्षा की बात जब भी होती हैं लड़कियों को घर के अन्दर ही रहने के लिये कहा जाता हैं ??? सामाजिक व्यवस्था को सुधारने का विकल्प नहीं लिया जाता हैं
पिछले ३ सालो में ना जाने कितने हिंदी ब्लॉग से महिला की नगन तस्वीरे मैने हटवाई हैं , कभी उनके ऊपर भी लिखते
और ये जो प्रश्न हैं की भारतीये वस्त्र पहने बड़ा ही वाहियात प्रशन हैं क्युकी सबसे ज्यादा चलने वाली साईट सविता भाभी थी जो भारतीये वस्त्रो में सजी महिला पर ही थी .

ये पोर्न साईट का धंधा बंद हो फिर चाहे पुरुषो की तस्वीरो वाली पोर्न साईट हो या स्त्री की तस्वीरो वाली

ये "बुरका अभियान " मासूमियत से चलना बंद करिये