सोमवार, 18 जुलाई 2011

काबिले तारीफ हैं फिरदौस

भदोही:/बीबीएस न्यूज़/  : ब्लॉग जगत में ऐसे धुरंधर भरे पड़े है जिनकी तारीफ की जाय तो वह छोटी पड़ जाती है,  ब्लॉग जगत में महिलाओ ने भी बहुत बड़ा योगदान दिया है. पर उन्ही में से एक है फिरदौस खान, जिनकी लेखनी खुद ही उनकी पहचान है. उनकी बेबाक बाते व लेखन शैली का विरोध बहुत से ऐसे लोंगो ने किया है जो संकुचित विचारधारा के पर उन बातो को दरकिनार करते हुए उन्होंने अपना सफ़र अनवरत जारी रखा और अपना अलग ही मुकाम बनाया. उनकी लेखनी से ही प्रभावित होकर उन्हें "भारतीय ब्लॉग लेखक मंच" पर भी सहयोग देने के लिए आमंत्रित किया गया था पर उन्होंने शांत रहना ही उचित समझा.
वे  पत्रकार, शायरा और कहानीकार... उर्दू, हिन्दी और पंजाबी में लेखन. उर्दू, हिन्दी, पंजाबी, गुजराती, इंग्लिश और अरबी भाषा का ज्ञान... दूरदर्शन केन्द्र और देश के प्रतिष्ठित समाचार-पत्रों दैनिक भास्कर, अमर उजाला और हरिभूमि में कई वर्षों तक सेवाएं दीं...अनेक साप्ताहिक समाचार-पत्रों का सम्पादन भी किया... ऑल इंडिया रेडियो, दूरदर्शन केन्द्र से समय-समय पर कार्यक्रमों का प्रसारण... ऑल इंडिया रेडियो और न्यूज़ चैनल के लिए एंकरिंग भी की है. दैनिक हिन्दुस्तान, नवभारत टाइम्स, राष्ट्रीय सहारा, दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण ट्रिब्यून, जनसत्ता, राजस्थान पत्रिका, नवभारत, अजीत समाचार, देशबंधु और लोकमत सहित देश-विदेश के विभिन्न समाचार-पत्रों, पत्रिकाओं और समाचार व फीचर्स एजेंसी के लिए लेखन करने के साथ ... ' गंगा-जमुनी संस्कृति के अग्रदूत' नामक एक किताब प्रकाशित की है ... इसके अलावा डिस्कवरी चैनल सहित अन्य टेलीविज़न चैनलों के लिए स्क्रिप्ट लेखन जारी रखी है ... उन्हें उत्कृष्ट पत्रकारिता, कुशल संपादन और लेखन के लिए अनेक पुरस्कारों ने नवाज़ा जा चुका है...इसके अलावा कवि सम्मेलनों और मुशायरों में भी शिरकत की है ...कई बरसों तक हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत की तालीम भी ली... उर्दू, पंजाबी, अंग्रेज़ी और रशियन अदब (साहित्य) में ख़ास दिलचस्पी. फ़िलहाल 'स्टार न्यूज़ एजेंसी' और 'स्टार वेब मीडिया' में समूह संपादक का दायित्व संभाल रही है ..
उनका  ताज़ा लेख "खेत में सिन्दूर" उनके ब्लॉग की शोभा बढ़ा रहा है.
चलते-चलते
 मोबाईल किस तरह युवाओ को बर्बाद कर रहा है. इसकी जानकारी दे रहे है. HBFI पर डॉ. अनवर जमाल खान  "

मोबाइल : प्यार का आवश्यक उपकरण Mobile

8 टिप्‍पणियां:

Sunil Kumar ने कहा…

उनकी उपलब्धियों पर बहुत बहुत बधाई

DR. ANWER JAMAL ने कहा…

चलिए, आपकी नज़र पडी तो सही फोरम पर.
शुक्रिया.

आ ग़ैरियत के पर्दे इक बार फिर उठा दें
बिछड़ों को फिर मिला दें, नक्शे दूई मिटा दें
सूनी पड़ी है मुद्दत से दिल की बस्ती
आ इक नया शिवाला इस देस में बना दें
दुनिया के तीरथों से ऊंचा हो अपना तीरथ
दामाने आसमां से इसका कलस मिला दें
हर सुब्ह उठके गाएं मन्तर वो मीठे मीठे
सारे पुजारियों को ‘मै‘ पीत की पिला दें
शक्ति भी शांति भी भक्तों के गीत में है
धरती के बासियों की मुक्ति प्रीत में है


http://pyarimaan.blogspot.com/

रमेश कुमार जैन उर्फ़ निर्भीक ने कहा…

"भारतीय ब्लॉग लेखक मंच" पर भी सहयोग देने के लिए आमंत्रित किया गया था पर उन्होंने शांत रहना ही उचित समझा.


कृपया उपरोक्त के कारण खोजें जाने की आवश्कता है.

रमेश कुमार जैन उर्फ़ निर्भीक ने कहा…

अंधा बाँटे रेवड़ी और अपने अपने को दें. अंधेर नगरी, चौपड राजा. लोगों को अपमानित करने का लोग लेते हैं मजा.

Shikha Kaushik ने कहा…

फिरदोस जी का परिचय बहुत रोचक अंदाज़ में प्रस्तुत किया है .चलते -चलते में दिया गया अनवर जी की पोस्ट का लिंक भी काबिले-तारीफ है .

Dr. Zakir Ali Rajnish ने कहा…

फिरदौस जी से मिलवाने का शुक्रिया।

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जीवन का सूत्र...
NO French Kissing Please!

फ़िरदौस ख़ान ने कहा…

शुक्रिया...
हमें वक़्त नहीं मिला पाता इसलिए आपके ब्लॉग में सहयोग देने के निमंत्रण को क़ुबूल नहीं किया...प्लीज़ आप इसे अन्यथा न लीजिएगा....
आपका ब्लॉग देखा...बहुत अच्छा है...शुभकामनाएं...

आशुतोष की कलम ने कहा…

आदरणीय संपादक महोदया...
कुछ लिखने से पहले स्पस्ट कर दू मेरा इशारा किसी व्यक्ति विशेष या फिरदौश जी की और नहीं है...
मगर क्या भारतीय ब्लॉग समाचार का इस्तेमाल व्यक्ति विशेष के प्रचार के लिए करना चाहिए..या दुसरे की कृतियों एवं लिंक के अनावश्यक प्रचार के लिए..

ये मेरा प्रश्न है न की विरोध...

आशुतोष