शनिवार, 16 जुलाई 2011

क्या है किसी नेता में इतना दम ?

क्या है किसी नेता में इतना दम ? केवल एक सच्चा ब्लोगर ही दिखा सकता है हमारे नेताओं को आइना .ये हैं ''रोहित सिंह '.इनके ब्लॉग का नाम है -''बेबाक राय '' .इन्होने घोषित की है अपनी संपत्ति खुलेआम अपने ब्लॉग पर .इनके ब्लॉग का URL है -''http://rohitbanarasi.blogspot.कॉम''
shikha kaushik

6 टिप्‍पणियां:

Shalini kaushik ने कहा…

ये हुई न ब्लॉग जगत के लिए सम्मान जनक बात.

rubi sinha ने कहा…

bahut achchha C.E. ke liye badhai.

आशुतोष की कलम ने कहा…

स्वागत है आप का..
बहुत सुन्दर जानकारी साझा की आप ने

Shikha Kaushik ने कहा…

शालिनी जी ,रूबी जी व् आशुतोष जी आप सभी का हार्दिक धन्यवाद .

रमेश कुमार जैन उर्फ़ निर्भीक ने कहा…

श्रीमानजी, रोहित सिंह ने बहुत अच्छा कार्य किया है.उसके लिए आपका दिल की गहराइयों से आपको शुभकामनायें देता हूँ. दोस्त मैं भी वैसे अपनी संपत्ति की घोषणा दिल्ली नगर निगम 2007 और उत्तम नगर विधानसभा 2008 के चुनाव में कर चुका हूँ. जिससे www.ceodelhi.nic.in यहाँ देखा जा सकता है.जानकारी के अभाव में पूरा लिंक देने में असमर्थ हूँ.(वार्ड नं.127 और विधानसभा क्षेत्र का नं.32 है)मगर इन दिनों मेरे पास ऐसी कुछ संपत्ति हैं. जो मैंने ही अपनी पत्नी को ही दिलवाई थी.मगर हमारे देश के गले-सड़े कानूनों के अंतर्गत वो स्त्रीधन है. फ़िलहाल कई बार कहने के बाद भी मेरी पत्नी और जांच अधिकारी उसको लेकर नहीं जा रहें है. आज जिसकी कीमत अधिकतम पांच हजार रूपये होगी. मगर उनकी झूठी सूची के अनुसार मैंने अपने पास दस लाख रूपये का "स्त्रीधन" दबाकर रखा हुआ है. उस पर थोड़ा फैसला हो जाए तब मैं अपने घर के एक-एक चम्मच से लेकर दो जोड़ी टूटी हुई चप्पल तक को सार्वजनिक कर दूँगा. रोहित सिंह जैसी हिम्मत एक ईमानदार व्यक्ति ही कर सकता है. हम ठहरे बेईमान पत्रकार? इसके लिए कृपया 20 अक्टूबर 2011 तक समय दे दीजिए,क्योंकि जब तक मेरा स्विस देश के बैक में खाता भी खुल जाएगा और वहाँ पर पैसे जमा होने के बाद इलेक्ट्रोनिक्स कोड का लैटर भी आ जाएगा.पढ़े-लिखे लोगों की दुनियां में कभी इस अनपढ़, ग्वार और नाचीज़ के ब्लोगों पर नज़र-ए-इनायत करें. आप दोस्तों की नज़रे इनायत से शायद किसी गरीब का भला हो जाएगा.

पूनम श्रीवास्तव ने कहा…

aadarniy mahendra ji
main kafi dino se aapka ---aadha sach--- wali blog par koshish kar rahi hun par vo aate hi band ho jaata hai aisa kyon ho raha meri samajh me nahi aa raha hai .
kripya koi sujhav den.
aaj aapke dusre blog par hun maine dono hi post padhin par mujhe khed hai ki mai iska uttar nahi de sakti hun kyon ki swasthy ke aniymit chalte aaj kal samachar patro par nazar nahi dal pa rahi haun.
han .rohit ji ke baat se kafi sambal mila hai bahut hi achha prayas haiyah .
aap sabhi ko iske liye bahut bahut hardik shubh-kamnaye.
dhanyvaad sahit
poonam