रविवार, 10 जुलाई 2011

एक संग्रहणीय लेख -- हिन्दू निशाने पर: एक नंगा सच

नयी दिल्ली:अंकित { BBS न्यूज़} : हिन्दी ब्लॉग जगत में अधिकांश ब्लॉग ब्लॉगर या वर्डप्रेस के होते हैं, परन्तु कुछ समाचारपत्रों के
अपने निजी ब्लॉग भी हिं जहाँ पर प्रकाशित हुई रचनाये कई बार ब्लॉग जगत को लोगों की दृष्टि से छूट जाती हैं | इसी श्रंखल में "जागरण JANSTION"में एक लेख प्रकाशित हुआ है
"हिन्दू निशाने पर: एक नंगा सच यह एक संग्रहनीय लेख है | इस लेख में स्वामी पद्मनाभ मंदिर में मिली संपत्ति के बारे में मीडिया के व्यवहार का विवेचन किया गया है और यह बताया गया है की किस प्रकार कई मुस्लिम संस्थाओं के पास इससे कई गुना अधिक संपत्ति है और उसका दुरूपयोग किस प्रकार होता है | इसके अतिरिक्त सरकार और मीडिया द्वारा लगातार हिन्दू धार्मिक संस्थाओं की संपत्ति की तरफ गिद्ध दृष्टि और अन्य धर्मों के धन की अनदेखी की बात तो आंकड़ों , तथ्यों और तर्कों के साथ अत्यंत सुन्दर तरीके से प्रस्तुत किया गया है | तथ्यों के आधार पर लिखे गए इस लेख को देखकर सहज ही अंदाजा हो जाता है की वक्फ बोर्ड की संपत्ति के आगे मंदिर की संपत्तियां नगण्य है. किन्तु सत्ता की लालच में अंधी हो चुकी सरकारे इन संपत्तियों के बारे में कभी बयान नहीं देगी. हद तो यह है की इन सम्पत्तियोंपर कब्ज़ा जमकर बैठे लोग मंदिर की संपत्तियों के बारे में हो हल्ला मचाते रहते हैं.
सच क्या है इस बारे में जानने के लिए इस लिंक पर आयें.


हिन्दू निशाने पर: एक नंगा सच


2 टिप्‍पणियां:

भारतीय ब्लॉग समाचार ने कहा…

सच्ची और दो टूक बात! जबतक छद्म सेकुलरिज्म अपनी विषैली जड़ें फैलाए रहेगा बहुसंख्यकों को इसी तरह प्रताड़ित किया जाता रहेगा| नेहरू के वंशजों ने हमेशा अपनी राजनीति चटकाने के लिए बहुसंख्यकों को धोखा दिया और उसी का अनुसरण भा.ज.पा. ने किया और हाशिये पर चली गई| अभी तक इनकी गन्दी निगाहें सिर्फ करेंसी पर थीं लेकिन अब सोनिया ने अपनी दुकाने जहाँ भारतीय प्राचीन बहुमूल्य धरोहरें बेचीं जाती हैं (गणपति, और अल एंटीका) हिन्दुओं के धर्म-स्थलों पर मौजूद मूर्तियों और खाजाने को सजा कर नीलाम करने की ठान ली है|
अच्छी और बेबाक पोस्ट पर बधाई!

वासुदेव त्रिपाठी ने कहा…

आपके द्वारा लेख को सुंदर प्रस्तावना के माद्ध्यम से अपने यहाँ जगह देने के लिए आभारी हूँ, देश में कई ऐसे सच हैं जिनका राजनैतिक स्वार्थों या वैचारिक दुराग्रह के चलते गला घोटा रहा है, दुर्भाग्य है इस देश का जो यहाँ के नागरिक अपने देश की वस्तु-स्थिति से अपरिचित हैं और भ्रम एवं अज्ञान के में ही जी रहे हैं| आज एक भारतीय होने के नाते हमारा सभी का ये नैतिक कर्तव्य है कि हम सच को निरावृत्त करें और देशवासियों के लिए देशहित का पथ प्रदर्शित करें|

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जय हिंद|